MobiKwik ने अपने लीडरशिप टीम में दो अहम बदलाव किए हैं। सौरभ द्विवेदी को नया सीटीओ और ध्रुव वधेरा को एसवीपी – ऑफलाइन पेमेंट्स बनाया गया है। सौरभ पहले MakeMyTrip में VP रह चुके हैं और अब MobiKwik में एआई-सपोर्टेड प्रोडक्ट्स को लीड करेंगे। कंपनी का फोकस अब एआई को ग्रोथ इंजन बनाने पर है। हालांकि FY25 में MobiKwik को ₹121 करोड़ का घाटा हुआ है। सरकार द्वारा यूपीआई पर एमडीआर वापसी की अफ़वाहों को खारिज करने के बाद कंपनी के शेयर 3.38% गिरकर ₹245.70 पर बंद हुए।
इंडियन फिनटेक ऐप्स के इंटरफेस तो शानदार हैं, लेकिन बैकएंड अभी भी कॉल सेंटर जैसे ही हैं। इसी गैप को भरने के लिए सामने आया है बेंगलुरु-बेस्ड स्टार्टअप RevRag.AI जो बैंक और बीमा कंपनियों के लिए AI एजेंट्स बनाता है। ये एजेंट्स यूज़र्स को फॉर्म भरने, केवाईसी करने और पेमेंट्स जैसे स्टेप्स में रियल-टाइम हेल्प करते हैं — वो भी हिंदी समेत 12 भाषाओं में! 2025 में पिवट के बाद स्टार्टअप ने 3 महीने में $50K एआरआर हिट किया और अब $5Mn रेवेन्यू का लक्ष्य है। एआई और ट्रस्ट के ब्लेंड से, ये बीएफएसआई की दुनिया में गेम-चेंजर बन सकता है।
Spotify ने अपने पॉपुलर “Discover Weekly” फीचर में बड़ा अपडेट दिया है। अब प्रीमियम यूज़र्स म्यूज़िक रिकमेंडेशन को अपनी पसंद के हिसाब से मोड़ सकेंगे — जैसे 80s रॉक पसंद है लेकिन K-पॉप सुनने का मन है? Genre filters से अब एल्गोरिथ्म को गाइड किया जा सकता है। Spotify के मुताबिक, यूजर्स ने Discover Weekly पर 100 बिलियन से ज्यादा गाने सुने हैं, जिसमें 77% गाने नए आर्टिस्ट के हैं। नया फीचर “Made for You” सेक्शन में मिलेगा। साथ ही अब आप गानों को 30 दिन के लिए “snooze” भी कर सकते हैं।
Joby ने अपनी पहली eVTOL एयरक्राफ्ट दुबई भेज दी है, जहाँ 2026 की शुरुआत से कमर्शियल एयर टैक्सी सर्विस शुरू होगी। ये Joby के लिए बड़ी कामयाबी है, जो 2009 से इस टेक्नोलॉजी पर काम कर रही है। दुबई ने पिछले साल Joby को छह साल का एक्सक्लूसिव एग्रीमेंट दिया था।
ये फ्लाइंग टैक्सी दुबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट और पाम जुमैरा समेत चार जगहों से ऑपरेट होगी। यूएस में भी Joby FAA के साथ टेस्टिंग के आखिरी स्टेज में है। Joby का दावा है कि ये एयरक्राफ्ट 200mph की टॉप स्पीड से चलेगा, 150 मील तक उड़ेगा और नॉर्मल एयरक्राफ्ट से 100 गुना शांत होगा। Toyota से $750 मिलियन का इन्वेस्टमेंट मिलने के बाद, Joby अब यूएस में भी अपनी सर्विस लाने की प्लानिंग कर रहा है। जल्द ही ये सपना सच होता दिखेगा!
Apple की फिल्म F1, जिसमें ब्रैड पिट लीड रोल में हैं, ने रिलीज़ होते ही बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त कमाई की है। पहले ही वीकेंड में इस फिल्म ने $144 मिलियन ग्लोबली और $55.6 मिलियन US में कमा लिए हैं। कई फ्लॉप फिल्मों के बाद Apple के लिए ये बड़ी जीत है। करीब $300 मिलियन खर्च करके बनाई गई ये Formula One बेस्ड फिल्म अब तक की सबसे कामयाब Apple फिल्म बन गई है। हालांकि, कुछ यूज़र्स Wallet app में जबरदस्ती फिल्म का Ad देखने से नाराज़ भी नजर आए हैं।
Meta ने हाल ही में OpenAI के कई सीनियर रिसर्चर्स को अपने साथ जोड़ लिया है, जिससे कंपनी में हलचल मच गई है। चीफ रिसर्च ऑफिसर मार्क चेन ने एक इंटरनल मैसेज में लिखा, “ऐसा लग रहा है जैसे कोई हमारे घर में घुसकर कुछ चुरा ले गया हो।” इस ‘टैलेंट वॉर’ से निपटने के लिए, मार्क चेन ने बताया कि वो, CEO सैम अल्टमैन, और बाकी लीडर्स दिन-रात काम कर रहे हैं। वे उन कर्मचारियों से बात कर रहे हैं जिन्हें Meta से ऑफर मिले हैं, और सैलरी स्ट्रक्चर भी बदल रहे हैं ताकि अपने बेस्ट टैलेंट को रोक सकें। सैम अल्टमैन ने तो एक पॉडकास्ट में दावा किया था कि Meta $100 मिलियन के साइनिंग बोनस दे रहा है, हालांकि Meta के अधिकारियों ने इस बात को गलत बताया है।
टेस्ला (Tesla) ने ऑस्टिन में अपनी ड्राइवरलेस मॉडल Y रोबोटैक्सी (Robotaxi) चलानी शुरू की है। ये सिर्फ़ हेडलाइन नहीं है, बल्कि टेस्ला ऑटोपायलट और AI-पावर्ड ट्रांसपोर्टेशन के लिए एक बड़ा और असल दुनिया का प्रयोग है। टेस्ला का कहना है कि उनकी सेल्फ-ड्राइविंग गाड़ियाँ (Self-Driving Cars) सिर्फ़ कैमरे और AI का इस्तेमाल करके अपने आप चल सकती हैं। जबकि दूसरी ऑटोमैटिक गाड़ियाँ कैमरे के साथ-साथ लिडार (Lidar) और रडार (Radar) जैसी महंगी टेक्नोलॉजी भी इस्तेमाल करती हैं। टेस्ला FSD (Full Self-Driving) साबित करना चाहता है कि उसका AI बिना इन महंगी टेक्नोलॉजी के भी शहरों की मुश्किल सड़कों पर सुरक्षित तरीके से गाड़ी चलाना (Safe Driving) सीख सकता है। ये सिर्फ़ कोई दिखावा नहीं, बल्कि ऑटोनॉमस व्हीकल टेक्नोलॉजी (Autonomous Vehicle Technology) का एक बड़ा टेस्ट है जिसे इंडस्ट्री में कई लोग अभी भी जोखिम भरा मानते हैं।
1. सिर्फ़ सिमुलेटर में नहीं, असली सड़कों पर टेस्टिंग
दूसरी कंपनियाँ अपनी गाड़ियों को बंद टेस्टिंग एरिया या कंप्यूटर सिमुलेशन में टेस्ट करती हैं। लेकिन टेस्ला अपनी रोबोटैक्सी सर्विसेज़ को सीधे ऑस्टिन की असली सड़कों पर चला रहा है। हाँ, गाड़ी में एक “सेफ्टी मॉनिटर” ज़रूर बैठा होता है और दूर से भी लोग उसे कंट्रोल कर सकते हैं। ये असली सड़कें ही AI कार टेस्टिंग (AI Car Testing) के लिए उनका सबसे बड़ा इम्तिहान हैं।
2. सिर्फ़ कैमरे का कमाल, लिडार या रडार नहीं
टेस्ला ने अपनी सेल्फ-ड्राइविंग सिस्टम (Self-Driving System) के लिए पूरी तरह से कैमरे और न्यूरल नेटवर्क-आधारित AI पर भरोसा किया है। उन्होंने जानबूझकर लिडार या रडार जैसी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल नहीं किया। इससे उनकी टेस्ला टेक्नोलॉजी (Tesla Technology) सस्ती हो जाती है और इसे बड़े पैमाने पर फैलाना आसान हो जाता है। लेकिन हाँ, चकाचौंध (तेज़ धूप), कोहरे या बारिश में इससे कुछ दिक्कतें भी आ सकती हैं, जो ऑटोनॉमस ड्राइविंग चैलेंज (Autonomous Driving Challenges) का हिस्सा हैं।
अभी टेस्ला ने क़रीब 10 गाड़ियों से ही काम शुरू किया है। वो तेज़ी से आगे बढ़ रहे हैं, लेकिन सावधानी भी बरत रहे हैं। उन्होंने लोकल अधिकारियों के साथ मिलकर काम किया है और इमरजेंसी टीमों को ट्रेनिंग (Emergency Response Training) भी दी है। फिर भी, कुछ अफसर चाहते हैं कि जब तक ऑस्टिन में नई और सख्त ऑटोनॉमस व्हीकल रूल्स (Autonomous Vehicle Rules) नहीं आ जाते, तब तक इसे रोक दिया जाए।
4. मुश्किल हालात में भी भरोसेमंद होना
पिछली कुछ रिपोर्ट्स बताती हैं कि टेस्ला का FSD (फुल सेल्फ-ड्राइविंग) सिस्टम कभी-कभी मुश्किल हालात में फंस जाता है, जैसे लाल बत्ती पर, गलत लेन में या अचानक कोई चीज़ सामने आने पर। अब ऑस्टिन में हर छोटी-मोटी दिक्कत उन्हें रियल-वर्ल्ड डेटा (Real-World Data) से सीखने का एक मौका देगी—या फिर ड्राइवरलेस कार सुरक्षा (Driverless Car Safety) के लिए खतरे का निशान भी दिखा सकती है।
5. हर राइड से मिल रहा ढेर सारा डेटा
टेस्ला की 20 लाख से ज़्यादा गाड़ियाँ सड़कों पर चल रही हैं, और उनसे लगातार नया ड्राइविंग डेटा उनके AI सिस्टम को ट्रेनिंग (AI System Training) के लिए मिल रहा है। ऑस्टिन में लॉन्च होने से उन्हें और भी अलग-अलग तरह का डेटा मिलेगा, जैसे शांत मोहल्लों से लेकर भीड़-भाड़ वाली सड़कों तक का अनुभव। इससे उनका AI और भी तेज़ी से सीख पाएगा (AI Learning Process)।
6. ऑस्टिन से परे इसका क्या मतलब है?
यह पायलट प्रोजेक्ट टेस्ला का “मोबिलिटी-एज़-ए-सर्विस” (Mobility-as-a-Service) प्रोवाइडर बनने का पहला क़दम है। अगर ये कामयाब हो जाता है और मान लो, 1,000 गाड़ियाँ चलने लगती हैं, तो इससे कंपनी के लिए फ्यूचर रेवेन्यू मॉडल्स (Future Revenue Models) और कमाई के नए रास्ते खुलेंगे। लेकिन इसकी सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि उनकी AI कार तकनीक (AI Car Technology) कितनी अच्छी है और सरकार से कितनी नियामक स्वीकृति (Regulatory Approval) मिलती है।
आखिर में
ऑस्टिन में जो हो रहा है, वो सिर्फ़ एक नई सर्विस शुरू करने से कहीं ज़्यादा है। ये टेस्ला की बोल्ड सेल्फ-ड्राइविंग टेक (Tesla Bold Self-Driving Tech) का असली दुनिया में किया गया एक बड़ा टेस्ट है। ये एक तरह का हाई-स्टेक एक्सपेरिमेंट है — जो या तो एलन मस्क के कैमरे-केवल ऑटोनॉमी (Elon Musk Camera-Only Autonomy) के तरीके को सही साबित करेगा या फिर उन कमियों को सामने लाएगा जिन्हें अभी ठीक करने की ज़रूरत है। इसके नतीजों से सिर्फ़ टेस्ला का भविष्य (Tesla Future) ही नहीं, बल्कि यह भी तय होगा कि आने वाले सालों में शहर, सरकारें और बाकी ऑटो इंडस्ट्री ड्राइवरलेस गाड़ियों (Driverless Cars in India) को कैसे देखेंगी।
एक सुबह आप उठें और पता चले कि आपका Google या Apple अकाउंट हैक हो गया है? डर गए, है ना? यह सिर्फ एक संभावना नहीं है—यह कुछ ऐसा है जो दुनिया भर के लोगों को प्रभावित कर सकता है। हाल ही में, साइबर सुरक्षा रिसर्चर्स ने इतिहास के सबसे बड़े डेटा लीक में से एक का खुलासा किया है: 16 बिलियन (16 billion password leak) से ज़्यादा लॉगिन क्रेडेंशियल एक्सपोज हो गए हैं। यह सिर्फ पुराने पासवर्ड के रीसायकल होने की बात नहीं है। यह नया, खतरनाक डेटा है जिससे पहचान की चोरी, बैंक अकाउंट हैक (Bank Account Hack) होने या इससे भी बदतर हालात हो सकते हैं।
आखिर हुआ क्या?
2025 की शुरुआत में, रिसर्चर्स को 30 बड़े डेटासेट मिले, कुछ में 3.5 बिलियन से ज़्यादा रिकॉर्ड थे। इन रिकॉर्ड्स में यूज़रनेम, पासवर्ड, ईमेल एड्रेस और यहां तक कि कुकीज़ और लॉगिन टोकन जैसे सेंसिटिव डेटा भी शामिल हैं। डराने वाली बात यह है कि इनमें से कई लीक्स Google, Apple, Facebook और यहां तक कि सरकारी प्लेटफॉर्म जैसी पॉपुलर सर्विसेज़ से हुई हैं।
माना जा रहा है कि ये लीक्स “इन्फोस्टीलर” मैलवेयर—खराब सॉफ्टवेयर जो चुपचाप आपके डिवाइस से डेटा चुराता है—की वजह से हुई हैं। एक बार समझौता हो जाने के बाद, यह डेटा आमतौर पर डार्क वेब पर पहुंच जाता है, जहां इसे चौंकाने वाली कम कीमतों पर बेचा जाता है। इसका मतलब है कि दुनिया भर के अपराधी आपकी लॉगिन जानकारी हासिल कर सकते हैं और आपकी डिजिटल लाइफ के साथ खिलवाड़ शुरू कर सकते हैं।
आपको क्यों फिक्र करनी चाहिए?
अपने ऑनलाइन अकाउंट्स को अपनी डिजिटल लाइफ की ‘चाबी’ समझें। अगर किसी के पास आपका पासवर्ड है, तो वे अंदर घुस सकते हैं। वे शायद:
आपके लिंक्ड बैंक खातों से पैसे चुरा सकते हैं
ऑनलाइन आपकी पहचान बना सकते हैं
फ़िशिंग हमलों के लिए आपके ईमेल का उपयोग कर सकते हैं
आपको अपने ही अकाउंट्स से बाहर कर सकते हैं
और यह सिर्फ पर्सनल रिस्क नहीं है। बिज़नेस और स्कूल भी टारगेट हो सकते हैं, जिससे बड़े फाइनेंशियल और प्राइवेसी नुकसान हो सकते हैं।
सुरक्षित कैसे रहें?
अपडेटेड रहें (Stay Updated):HaveIBeenPwned.com जैसी साइटों का उपयोग करके जांचें कि क्या आपका ईमेल या पासवर्ड एक्सपोज हुआ है। यह मुफ़्त है और इसमें कुछ सेकंड लगते हैं।
अपने पासवर्ड बदलें (Change Your Passwords): अपने मुख्य अकाउंट्स—ईमेल, सोशल मीडिया और बैंकिंग—से शुरुआत करें। मज़बूत, यूनीक पासवर्ड (strong, unique passwords) का उपयोग करें जिन्हें अनुमान लगाना मुश्किल हो।
टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) का उपयोग करें (Use Two-Factor Authentication): यह सुरक्षा की एक अतिरिक्त परत जोड़ता है। भले ही किसी के पास आपका पासवर्ड हो, वे आपके फोन या बायोमेट्रिक आईडी के बिना अंदर नहीं जा पाएंगे।
पासकीज़ (Passkeys) पर स्विच करें: Apple और Google जैसी टेक कंपनियों ने सुरक्षित लॉगिन ऑप्शन के रूप में पासकीज़ रोल आउट करना शुरू कर दिया है। ये पासवर्ड की जगह आपकी फिंगरप्रिंट या फेस आईडी का उपयोग करते हैं। इन्हें हैक करना कहीं ज़्यादा मुश्किल है।
पासवर्ड मैनेजर (Password Manager) का उपयोग करें: ये ऐप आपको जटिल पासवर्ड सुरक्षित रूप से बनाने और स्टोर करने में मदद करते हैं। हर लॉगिन के लिए “123456” या अपने पालतू जानवर के नाम का उपयोग करने की अब कोई ज़रूरत नहीं है।
आखिरी विचार
यह एक वेक-अप कॉल है। साइबरक्राइम (Cybercrime) बढ़ रहा है, और हम सभी को अपनी डिजिटल सिक्योरिटी की ज़िम्मेदारी लेनी होगी। यह आसान है, लेकिन यह आपको बहुत सारी परेशानियों से बचा सकता है। हैक होने का इंतज़ार न करें—अभी कार्रवाई करें और अपनी ऑनलाइन दुनिया को सुरक्षित रखें।
कुछ साल पहले तक एक अरब डॉलर की कंपनी बनाने के लिए बड़ी टीम, ढेर सारा पैसा और टाइम चाहिए होता था। लेकिन अब AI ने गेम ही बदल दिया है। अब एक अकेला इंसान, सही आइडिया और कुछ टूल्स की मदद से, खुद की कंपनी को लाखों-करोड़ों तक पहुंचा सकता है। ऐसे फाउंडर्स को अब कहा जा रहा है – सोलो यूनिकॉर्न । अकेले इंसान की बनाई ऐसी कंपनी, जिसकी वैल्यू एक दिन $1 Billion तक पहुंच सकती है। आपको ये सपना लग रहा है? लेकिन ये अब हकीकत बन चुका है।
एक उदाहरण है – Maor Shlomo, सिर्फ 31 साल का डेवलपर जिसने Base44नाम की कंपनी को बिना किसी फंडिंग के सिर्फ 6 महीनों में खड़ा किया, और फिर उसे Wix को $80 million (cash) में बेच दिया।
BASE44
Base44: एक साइड प्रोजेक्ट से करोड़ों की डील तक
Base44 की शुरुआत एक साइड प्रोजेक्ट की तरह हुई थी। लेकिन धीरे-धीरे ये “वाइब कोडिंग” (Vibe Coding) की दुनिया में सबसे फेमस स्टोरीज़ में शामिल हो गई। Vibe coding यानी बिना कोडिंग सीखे, सिर्फ Normal Language में कहकर Apps बनाना। न कोड चाहिए, न टीम। सिर्फ आइडिया और AI टूल्स।
Base44 एक ऐसा प्लेटफॉर्म था जहाँ कोई भी इंसान, टेक्निकल हो या नॉन-टेक, सिर्फ टेक्स्ट प्रॉम्प्ट (Prompt) देकर अपना पूरा ऐप (App) बना सकता था। चाहिए – बैकएंड, डेटाबेस, ऑथेंटिकेशन, एनालिटिक्स, मैप्स, ईमेल और यहाँ तक कि SMS – सब मिल जाता है। और ये सब होता है AI Agents और Large Language Models (LLMs) की ताकत से।
6 महीनों में Base44 के 2.5 लाख यूज़र्स हो गए, और सिर्फ मई महीने में इसने $189,000 की कमाई की – वो भी बिना किसी Investment के। Maor ने अपनी पूरी journey LinkedIn और X पर पब्लिक में शेयर की।
AI ने बदल दिया गेम: अब हर कोई फाउंडर (Founder) बन सकता है
Base44 एक बड़ी टीम या VC फंडिंग पर डिपेंड नहीं था। यह बूूटस्ट्रैप्ड (Bootstrapped) और लीन था—सिर्फ़ आठ एम्प्लॉइज़, जिनमें से सभी को अब डील के हिस्से के रूप में $25 मिलियन का रिटेंशन बोनस मिलेगा। लेकिन इसे चलाने वाला इंजन? AI! मिली। लेकिन असली driver था – AI।
AI दर्जनों इंजीनियर्स का काम कर रहा है—कोड लिखना, इन्फ्रास्ट्रक्चर मैनेज करना, परफॉरमेंस ऑप्टिमाइज़ करना—तो मॉडर्न फाउंडर टीम्स को स्केल करने या पैसे जलाने के बजाय विज़न और वेलोसिटी पर फोकस कर सकता है।
Maor का कहना है कि उन्होंने बिना फंडिंग (VC funding) बहुत कुछ कर लिया था, लेकिन अब Wix की पार्टनरशिप से वो और तेजी से बढ़ने को तैयार हैं।
Credit: Wix
Wix ने Base44 क्यों खरीदा?
Wix, जो वेबसाइट बनाने के लिए दुनिया भर में एक पॉपुलर नो-कोड प्लेटफॉर्म (No-code Website Builder) है, उसे Base44 में कुछ बड़ा दिखा—एक फ्यूचर जहाँ लोग Apps बोलकर बना सकें। Wix अपनी AI आर्म को फुल-ब्लोन ऐप क्रिएशन तक एक्सपैंड कर रहा है ।
Wix के CEO Avishai Abrahami ने इस Acquisition को कंपनी के मिशन में एक बड़ा कदम बताया, जिसका मकसद लोगों के ऑनलाइन क्रिएट करने के तरीके को फिर से इन्वेंट करना है। उनका मानना है कि Base44 जैसे प्रोडक्ट्स पूरे सॉफ्टवेयर कैटेगरी को रिप्लेस कर सकते हैं।
Side Projects से लेकर Solo Unicorns तक
Base44 अभी एक बिलियन-डॉलर कंपनी नहीं बनी है, और Maor पूरी तरह अकेले भी नहीं थे, लेकिन ये Story साबित करती है कि आज AI की वजह से आइडिया से एक्सेक्यूशन तक का गैप बहुत छोटा हो गया है।
अब किसी के पास अगर Vision है और सही Tools हैं, तो वो अकेले भी कुछ बड़ा बना सकता है।
तो, अगला सोलो यूनिकॉर्न पूरी तरह अकेला क्यों नहीं हो सकता? शायद अभी नहीं… लेकिन अब हम काफ़ी करीब हैं।
हम अभी वहाँ तक नहीं पहुंचे—लेकिन हम करीब आ रहे हैं। AI प्रोडक्ट्स को बिना बड़ी टीम्स या फंडिंग के लॉन्च करना, स्केल करना और बेचना रेडिकली आसान बना रहा है। इन्फ्रास्ट्रक्चर मैच्योर हो रहा है। टूल्स स्मार्ट हो रहे हैं। और फाउंडर्स? वे अब सिर्फ़ बिल्डर नहीं हैं—वे विज़नरी (Visionaries ) और स्टोरीटेलर (Storytellers ) हैं।
निष्कर्ष
सोलो यूनिकॉर्न के युग में आपका स्वागत है। और कौन जानता है? आप ही शायद अपने बेडरूम से अगला वाला बना रहे हों!
क्या आप भी अपना AI-पावर्ड स्टार्टअप शुरू करने की सोच रहे हैं?
एक स्टार्टअप चलाना हमेशा आसान नहीं होता। इसमें कभी चीज़ें तेजी से ऊपर जाती हैं, तो कभी सब कुछ डाउन हो जाता है। ऐसे में जब कुछ ठीक न लगे, तो दूसरों को (स्क्रीन पर) ऐसी ही प्रॉब्लम्स से गुज़रते देखना आपको हिम्मत दे सकता है। ये वेब सीरीज़ (Web series) सिर्फ़ मनोरंजन के लिए नहीं हैं, ये दिखाती हैं कि ज़ीरो से कुछ शुरू करने में कितनी मेहनत लगती है।
यहाँ उन टॉप 7 वेब सीरीज़ की लिस्ट है जो हर स्टार्टअप फाउंडर या ऐसे ही सपने देखने वाले को ज़रूर देखनी चाहिए:
ये शो आपको टेक स्टार्टअप की दुनिया का फनी और रियल एक्सपीरियंस देता है। रिचर्ड और उसकी टीम एक ज़बरदस्त आइडिया को प्रॉपर बिज़नेस में बदलने की कोशिश करते हैं—इस दौरान काफी मज़ेदार और क्रेज़ी सिचुएशन्स आती हैं।
क्यों देखें: टेक वर्ल्ड की कहानी, ह्यूमर और ह्यूमन टच के साथ।
यह एलिजाबेथ होम्स (Elizabeth Holmes) और थेरानोस (Theranos) की सच्ची कहानी पर बनी है। यह सीरीज़ बताती है कि महत्वाकांक्षा कैसे हद से ज़्यादा बढ़ सकती है। यह देखना दिलचस्प और थोड़ा डरावना है कि कोई व्यक्ति सब कुछ बर्बाद होने से पहले कितनी दूर जा सकता है।
क्यों देखें: हाइप से ज़्यादा सच्चाई मायने रखती है।
यह वीवर्क (WeWork) की अनोखी जर्नी को गहराई से दिखाता है। करिश्मा, क्रेज़ी आइडियाज़ और बहुत ज़्यादा वैल्यूएशन सब कुछ यहाँ है। लेकिन यह भी दिखाता है कि जब अहंकार समझदारी से आगे निकल जाता है तो क्या होता है।
क्यों देखें: विज़न शानदार है, लेकिन स्थिरता के बिना, यह टिकेगा नहीं।
इसमें फाउंडर्स अपने आइडियाज़ असली इन्वेस्टर्स को दिखाते हैं कुछ को डील मिलती है, तो कुछ खाली हाथ लौटते हैं। आपको बेचने के टिप्स मिलेंगे, क्या नहीं करना चाहिए, और इन्वेस्टर को क्या पसंद आता है।
क्यों देखें: सिर्फ 20 मिनट में startup lessons का फुल डोज़।
स्पॉटिफ़ाई (Spotify) की कहानी को अलग-अलग नज़रियों से बताया गया है। यह दिखाता है कि कैसे एक छोटे से म्यूज़िक आइडिया ने पूरे इंडस्ट्री को बदल दिया। अगर आपके पास एक बड़ा आइडिया है, तो यह आपको ज़रूर पसंद आएगा।
क्यों देखें: इनोवेशन साइज़ पर नहीं, हिम्मत पर डिपेंड करता है।
7. सुपर पम्प्ड: द बैटल फॉर उबर (Super Pumped: The Battle for Uber)
यह उबर (Uber) के बारे में है—कैसे वह आगे बढ़ा, उसमें क्या परेशानियां आईं, और उसे चलाने वाले लोग कैसे थे। यह तेज़, ज़बरदस्त और कभी-कभी देखना मुश्किल होता है, लेकिन यह दिखाता है कि एक बड़े मार्केट में घुसने के लिए क्या करना पड़ता है।
क्यों देखें: जीतने की कीमत आपकी सोच से ज़्यादा हो सकती है।
यह इंडियन शो चार दोस्तों की कहानी बताता है जो अपनी नौकरी छोड़कर एक कंपनी शुरू करने का सपना पूरा करने निकलते हैं। यह बहुत अपनी-सी लगती है और इसमें असली स्टार्टअप वाली फीलिंग है, मेहनत, उम्मीद और सिरदर्द सब कुछ है।
फ़ाइनल वर्ड्स
अगर आप कुछ बना रहे हैं या सिर्फ़ उसके बारे में सोच रहे हैं, तो ये शो कुछ वैल्यूएबल देते हैं, चाहे वह एक चेतावनी हो, प्रेरणा की एक चिंगारी हो, या सिर्फ़ एक लंबे दिन के बाद एक अच्छी हंसी हो, तो कॉफ़ी पकड़ो, प्ले करो, और हसल शुरू करो!