India Tech अब US ग्रोथ का पार्टनर! Nasscom न्यूयॉर्क में लॉन्च करेगा US CEO Forum

नैसकॉम 9 जुलाई को न्यूयॉर्क में US CEO Forum लॉन्च करने जा रहा है, जिसमें इंडिया के टॉप टेक सीईओ और अमेरिका के इनफ्लुएंशल स्टेकहोल्डर्स एक साथ आएंगे। इस फोरम का मकसद है AI, साइबरसिक्योरिटी, ग्रीन एनर्जी, क्वांटम कंप्यूटिंग जैसे सेगमेंट्स में को-इनोवेशन और पॉलिसी अलाइनमेंट बढ़ाना। ये सिर्फ एक इवेंट नहीं, बल्कि Washington DC, San Francisco, और Texas जैसे US टेक हब्स में लगातार इंगेजमेंट बनाए रखेगा। Nasscom के मुताबिक, “India Tech for America’s Growth” थीम के साथ ये फोरम इंडिया-US टेक पार्टनरशिप को नई ऊंचाई पर ले जाएगा।

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Flipkart में 10 साल की लंबी इनिंग के बाद रवि कृष्णन ने कहा अलविदा, AI से लेकर Metaverse तक लाए थे इनोवेशन

ई-कॉमर्स दिग्गज Flipkart के प्रोडक्ट हेड रवि कृष्णन ने कंपनी को 10 साल बाद बाय-बाय कह दिया है। उन्होंने LinkedIn पर पोस्ट करके ये खबर शेयर की। रवि ने मोबाइल्स, इलेक्ट्रॉनिक्स, एप्लायंसेज़ और Flipkart Labs जैसे सेक्शन्स में लीड रोल निभाया। वो एआई-ड्रिवन शॉपिंग, Web3, मेटावर्स और NFT-बेस्ड लॉयल्टी प्रोग्राम्स जैसे इनोवेशन के पीछे रहे हैं। Shopsy, वीडियो शॉपिंग और ऑटो सेल्स जैसे नए चैनल्स भी उन्होंने स्केल किए। उनकी एग्ज़िट ऐसे वक्त पर हुई है जब फ्लिपकार्ट तेजी से फिनटेक और क्विक कॉमर्स में एक्सपैंड कर रहा है।

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1.4 बिलियन डॉलर की कंपनी ऐसे बनी! Spenser Skates ने कैसे Amplitude खड़ा किया?

कभी सोचा है कि एक फेल हो चुका Startup आपको अरबों की कंपनी तक कैसे पहुंचा सकता है? Spenser Skates की कहानी कुछ ऐसी ही है, जिन्होंने Amplitude नाम की $1.4 Billion की प्रोडक्ट एनालिटिक्स कंपनी बनाई — और वो भी अपनी पहली कंपनी के फेल होने के बाद।

उनका सफर सिर्फ एक AI प्रोडक्ट या टेक स्टार्टअप की कहानी नहीं है, बल्कि एक ऐसा रोडमैप है जिससे हर एस्पाइरिंग फाउंडर कुछ सीख सकता है।

स्टार्टअप फेल हुआ… और वहीं से आया Billion-Dollar आइडिया!

Spenser ने पहले Sonalight नाम का एक Voice-to-text स्टार्टअप बनाया था, जो फेल हो गया। लेकिन इसी दौरान उन्होंने नोटिस किया कि वो अपने यूज़र्स को ठीक से समझ नहीं पा रहे थे। और यहीं से मिला Amplitude का आइडिया, एक ऐसा एनालिटिक्स टूल जो यह बताए कि यूजर आपके प्रॉडक्ट को कैसे यूज़ कर रहा है और कहाँ डिसकनेक्ट हो रहा है।

पहले कस्टमर की सुनो

Spenser कहते हैं — “फाउंडर्स अक्सर प्रोडक्ट में बिजी रहते हैं, पर असली बात भूल जाते हैं जो होता है कस्टमर्स को सुनना।”
अर्ली फीडबैक ने ही उन्हें सही डायरेक्शन दी। उनका मंत्रा था:

“पहले पूछो यूज़र क्या चाहता है, फिर बनाओ प्रोडक्ट — उल्टा नहीं।”

यूज़र्स से शुरुवाती दिनों से चार्ज करो

Spenser ने सीखा कि शुरू में ही प्रोडक्ट के लिए पैसे मांगो। “पहला पेइंग कस्टमर ही सबसे बड़ा वेलिडेशन होता है”, उन्होंने कहा। बहुत से फाउंडर्स प्राइसिंग से डरते हैं, लेकिन Amplitude की सक्सेस में अर्ली मॉनेटाइज़शन ने बड़ा रोल निभाया।

कॉम्पिटिटर्स से आगे कैसे निकले?

प्रोडक्ट एनालिटिक्स का मार्किट पहले से भीड़भाड़ वाला था — Mixpanel, Google Analytics जैसे बड़े नाम पहले से थे। लेकिन Amplitude ने फोकस किया डीपर यूजर इनसाइट्स और product-led ग्रोथ पर। रिजल्ट ? धीरे-धीरे उन्होंने अपनी अलग पहचान बना ली।

स्केल करते वक़्त कल्चर बचाना सबसे बड़ी चैलेंज

कंपनी ग्रो होते ही सबसे टफ होता है इंटरनल कल्चर को बचाना। Spenser ने बताया कि कैसे उन्होंने लीडरशिप processes बनाए, जिससे team छोटी हो या बड़ी — वैल्यू और एक्सेक्युशन दोनों कन्सिस्टेन्स रहें। स्टार्टअप मैट्रिक्स से निकलकर सस्टेनेबल कंपनी बनाना खुद में एक बड़ा ट्रांजीशन है।


🔎 EducateKaro इनसाइट्स:

  • Fail होने से डरना नहीं, बल्कि उससे सीखो और पिवोट करो
  • AI फ़ीचर या प्रोडक्ट से पहले, यूजर की नीड को समझो
  • Early फ़ीडबैक से बेहतर कोई टीचर नहीं होता
  • पहले दिन से Monetization सोचो, फ्री मॉडल हमेशा स्केलेबल नहीं होता
  • Startup से स्केल तक, टीम और कल्चर को साथ ले जाना जरूरी है
How I Built A $1.4B Software Giant Called AmplitudeㅣSpenser Skates, Amplitude

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