द पावर ऑफ नाऊ: एक स्पिरिचुअल एन्लाइटेनमेंट लेखक- ईकहार्ट टोले (The Power of Now: A Guide to Spiritual Enlightenment by Eckhart Tolle)

“द पावर ऑफ नाऊ: एक स्पिरिचुअल एन्लाइटेनमेंट” (The Power of Now: A Guide to Spiritual Enlightenment) लेखक ईकहार्ट टोले (Eckhart Tolle) की गहरी जानकारी देती है जो चेतना के स्वरूप और वर्तमान क्षण में जीने के महत्व को उजागर करती है।

मुख्य बातें:

1. वर्तमान क्षण (The Present Moment):

  • वर्तमान क्षण ही वास्तविकता है। भूतकाल और भविष्य मात्र मन की उत्पन्न धारणाएं हैं।
  • वर्तमान क्षण पर ध्यान केंद्रित करके, आप गहरी शांति और पूर्णता की स्थिति का अनुभव कर सकते हैं।

2. आत्मविश्वास और पहचान (Ego and Identification):

  • आत्मविश्वास एक झूठी पहचान है जो मन की विचार धारणाओं के साथ उत्पन्न होती है।
  • आत्मविश्वास भूतकाल या भविष्य में बसने से पीड़ा का कारण बनता है।

3. जागरूकता और उपस्थिति (Awareness and Presence):

  • वास्तविक मुक्ति अहंकार को पार करके और वर्तमान क्षण की जागरूकता को पूर्णतया करने से आती है।
  • उपस्थिति उच्च संज्ञान की अवस्था है जिसमें आप अपने आसपास के और अंदर के अनुभवों की पूर्णता से जागरूक होते हैं।
द पावर ऑफ नाऊ: एक स्पिरिचुअल एन्लाइटेनमेंट लेखक- ईकहार्ट टोले (The Power of Now: A Guide to Spiritual Enlightenment by Eckhart Tolle)

4. समर्पण और स्वीकृति (Surrender and Acceptance):

  • वर्तमान क्षण को स्वीकार करना मतलब यह है कि आप जो कुछ भी उत्पन्न होता है उसे विरोध के बिना स्वीकार करते हैं।
  • स्वीकृति आत्मसात नहीं करता है बल्कि बिना निर्णय के वर्तमान क्षण की वास्तविकता को मानता है।

5. वर्तमान क्षण की शक्ति दैनिक जीवन में (The Power of Now in Everyday Life):

  • जैसे खाना, चलना, या काम करने जैसे दैनिक गतिविधियों में स्मृतिचित्त और उपस्थिति का अभ्यास करने से आप जीवन का अनुभव परिवर्तित कर सकते हैं।
  • भूतकाल और भविष्य को छोड़कर, आप अपने आप को अनावश्यक तनाव और चिंता से मुक्त कर सकते हैं।

6. विचार को पार करना (Transcending Thought):

  • विचार एक उपकरण है जो कुशलतापूर्वक प्रयोग किया जा सकता है लेकिन जब यह आपकी चेतना को नियंत्रित करता है, तो यह दुख पैदा करता है।
  • अपने विचारों को अटैचमेंट के बिना देखने से आप उनसे अलग हो जाते हैं और एक गहरे स्तर par पहुंचते हैं।

7. आंतरिक शांति और आनंद:

  • आंतरिक शांति और आनंद बाहरी परिस्थितियों पर निर्भर नहीं हैं बल्कि ये अंदर से उत्पन्न होते हैं।
  • अपने आंतरिक सत्ता से फिर से जुड़कर, आप एक गहरा और उत्तेजक भावनाओं और पूर्णता का अनुभव कर सकते हैं।

एटॉमिक हैबिट्स: छोटे-छोटे बदलाव, असाधारण परिणाम (Atomic Habits: An Easy & Proven Way to Build Good Habits & Break Bad Ones)

एटॉमिक हैबिट्स: छोटे-छोटे बदलाव, असाधारण परिणाम (Atomic Habits: An Easy & Proven Way to Build Good Habits & Break Bad Ones by james clear) यह पुस्तक सिखाती है कि कैसे छोटे-छोटे बदलावों से बड़े लक्ष्य प्राप्त किए जा सकते हैं। सही रणनीतियों और दृष्टिकोण के साथ, किसी भी आदत को तोड़ा या बनाया जा सकता है, और यह हमारे व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकता है।

मुख्य बातें:

छोटी-छोटी आदतों का बड़ा प्रभाव:

  • छोटे-छोटे सुधार और बदलाव समय के साथ बड़े परिणाम ला सकते हैं। प्रतिदिन 1% सुधार करना दीर्घकालिक सफलता की कुंजी है।
  • छोटी आदतें समय के साथ जमा होती हैं और हमारे जीवन पर बड़ा प्रभाव डालती हैं।

आदतों का निर्माण चार चरणों में होता है:

  • संकेत (Cue): आदत को ट्रिगर करने वाला पहला संकेत।
  • लालसा (Craving): संकेत के बाद की इच्छा या प्रेरणा।
  • प्रतिक्रिया (Response): वह क्रिया जो हम लालसा को पूरा करने के लिए करते हैं।
  • इनाम (Reward): प्रतिक्रिया के बाद मिलने वाला लाभ या संतुष्टि।

परिवर्तन आसान बनाएं:

  • अपनी आदतों को आसान और आकर्षक बनाकर नए व्यवहार को अपनाना सरल बनाएं।
  • उदाहरण के लिए, अगर आप पढ़ना चाहते हैं, तो किताब को ऐसी जगह पर रखें जहां आपको बार-बार दिखे।

पर्यावरण का महत्व:

  • आपका पर्यावरण और परिवेश आपके व्यवहार को बहुत प्रभावित करते हैं। एक सही सेटअप आदत निर्माण को सुविधाजनक बनाता है।
  • अपने आसपास का माहौल ऐसा बनाएं जो आपकी नई आदतों को सपोर्ट करे और पुरानी आदतों को हतोत्साहित करे।
एटॉमिक हैबिट्स: छोटे-छोटे बदलाव, असाधारण परिणाम (Atomic Habits: An Easy & Proven Way to Build Good Habits & Break Bad Ones)

पहचान आधारित आदतें:

  • अपनी पहचान को बदलकर आदतों को अधिक प्रभावी ढंग से अपनाएं। सोचें “मैं एक स्वस्थ व्यक्ति हूँ” बजाय “मुझे स्वस्थ रहना चाहिए”।
  • अपनी आदतों को अपनी पहचान के हिस्से के रूप में देखने से उन्हें बनाए रखना आसान हो जाता है।

सुधार और अनुकूलन:

  • आदतों को लगातार सुधारें और अनुकूलित करें। नियमित समीक्षा और समायोजन से अपनी प्रगति को ट्रैक करें।
  • छोटे सुधार और निरंतर प्रयोग आदतों को मजबूत करने में मदद करते हैं।

धैर्य और निरंतरता:

  • धैर्य और निरंतरता आदत निर्माण में महत्वपूर्ण हैं। तुरंत परिणाम की उम्मीद न करें, समय के साथ आदतें विकसित होती हैं।
  • अपने प्रयासों में निरंतरता बनाए रखें और असफलताओं से सीखें, क्योंकि वे प्रक्रिया का हिस्सा हैं।