जगदीश वासुदेव, ईशा फाउंडेशन के संस्थापक और जिन्हें दुनिया भर में उनके लाखों अनुयायियों और प्रशंसकों द्वारा ‘सद्गुरु'(sadhguru) के नाम से जाना जाता है, एक जटिल व्यक्तित्व हैं जिन्होंने योगी के बारे में बनी रूढ़ियों को तोड़ा है। सद्गुरु कई भूमिकाओं में नजर आते हैं, जिनमें योग गुरु, रहस्यवादी, परोपकारी, लेखक और पॉडकास्टर शामिल हैं। उन्होंने इस गलत धारणा को दूर किया है कि योगी को ध्यान लगाने के लिए गुफा में रहना चाहिए, बल्कि वह गाते हैं, नाचते हैं, बाइक चलाते हैं और “सेव द सोइल” जैसे मानवीय कार्यों के लिए वाहन चलाते हैं। आध्यात्मिकता और मानवीय सेवाओं में योगदान के लिए सद्गुरु को 2017 में भारत के दूसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार, पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया गया था।
मुख्य बातें:
सद्गुरु ने योगी की रूढ़ी छवि(stereotype) को तोड़ा: वे एक योग गुरु, रहस्यवादी,(mystic) परोपकारी, (philanthropist)लेखक और पॉडकास्टर हैं जो सक्रिय रूप से दुनिया से जुड़े हैं।
सद्गुरु की आध्यात्मिक जागृति: (awakening) एक जीवन बदलने वाला अनुभव उन्हें योग और आध्यात्मिकता को खोजने की ओर ले गया।
बेहतर जीवन के लिए आंतरिक इंजीनियरिंग(Inner Engineering): सद्गुरु अपने जीवन को बेहतर बनाने के लिए आंतरिक बुद्धि को जगाने पर जोर देते हैं।
ग्रह (Planet) की रक्षा करना: “सेव द सोइल”(“Save The Soil”) जैसे पर्यावरणीय कार्य सद्गुरु के काम का एक और पहलू हैं।
मृत्यु का सामना करना और परमानंद (Ecstatic) अनुभव: पॉडकास्ट मृत्यु के भय पर विजय प्राप्त करने और चेतना की उच्चतर अवस्थाओं को प्राप्त करने की बात करता है।
ईशा फाउंडेशन (Isha Foundation) से जुड़े विवाद: सद्गुरु ईशा फाउंडेशन के आसपास की आलोचनाओं का जवाब देते हैं।
सनातन धर्म और भविष्य: यह वार्तालाप प्राचीन भारतीय दर्शन और आज इसकी प्रासंगिकता पर विचार करती है।
“सचेत ग्रह” (Conscious Planet) आंदोलन: सद्गुरु अधिक जागरूक दुनिया बनाने की अपनी पहल पर चर्चा करते हैं।
मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को समझना: पॉडकास्ट स्वास्थ्य के इन दो पहलुओं के बीच के संबंध की पड़ताल करता है।